रिलीज़ डेट: 4 जुलाई 2025
निर्देशक: अनुराग बसु
मुख्य कलाकार: नीना गुप्ता, अनुपम खेर, सारा अली खान, आदित्य रॉय कपूर, पंकज त्रिपाठी, कोंकणा सेन शर्मा, अली फ़ज़ल, फातिमा सना शेख.
क्या Metro In Dino देखने लायक फिल्म है?
अगर आप ऐसी फिल्म देखना चाहते हैं जो भावनाओं को गहराई से छूती हो और आज के समय के जटिल रिश्तों को ईमानदारी से दिखाती हो, तो Metro… In Dino आपके लिए बनी है। यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अनुभव है – ऐसा अनुभव जो दिल को छू जाता है और मन में देर तक बना रहता है।
मुंबई की बारिश में बसी कहानियों का सफर
Metro… In Dino की कहानियाँ मुंबई की बारिश से भीगी सड़कों के बीच चलती हैं, जहाँ शोर और खामोशी साथ रहते हैं। अनुराग बसु की नज़रों से यह फिल्म सिर्फ दृश्यों को नहीं दिखाती, बल्कि उन भावनाओं को सामने लाती है जो अक्सर शब्दों के परे होती हैं। हर कहानी अलग है, लेकिन इन सभी में एक गहरी मानवीय संवेदना जुड़ी है — अकेलापन, चाहत, और समझ की तलाश।
सीधी-सादी लेकिन गहराई से जुड़ी कहानियाँ
Metro… In Dino फिल्म ज़ोरदार संवाद या नाटकीय मोड़ों पर नहीं टिकी है। बल्कि इसका जादू इसकी सादगी में है। कहानियाँ धीरे-धीरे खुलती हैं, और दर्शकों को अपने पात्रों से जोड़ती जाती हैं। अनुराग बसु “दिखाओ, बताओ मत” के सिद्धांत में माहिर हैं, और इस फिल्म में उन्होंने वही खूबसूरती से किया है।
कहानी 1: काजोल और मोंटी – रिश्ते की चुप्पी में छिपी दूरियाँ
कोंकणा सेन शर्मा और पंकज त्रिपाठी एक विवाहित जोड़े की भूमिका में हैं, जिनकी ज़िंदगी अब दिनचर्या बन गई है। उनके बीच का रिश्ता न पूरी तरह टूटा है, न ही पूरी तरह जुड़ा है। उनकी बेटी भी अपने स्तर पर इन बदलावों को महसूस कर रही है।
जब काजोल को मोंटी के डेटिंग ऐप का पता चलता है, तो यह सिर्फ धोखे का सवाल नहीं उठाता – यह उन सभी अनकहे सवालों और वर्षों से दबी भावनाओं को उजागर करता है। त्रिपाठी का किरदार मासूमियत और पछतावे के बीच झूलता है, जबकि कोंकणा अपनी भूमिका में गहराई और संयम के साथ दमदार छाप छोड़ती हैं। नीना गुप्ता एक माँ की भूमिका में पीढ़ियों की सीख लेकर आती हैं।
कहानी 2: चुमकी और पार्थ – प्यार लेकिन बिना नाम के
सारा अली खान चुमकी के किरदार में हैं, जो ज़िंदादिल और कुछ अस्थिर स्वभाव की लड़की है। उसके साथ हैं आदित्य रॉय कपूर, जो शांत और स्थिर स्वभाव के पार्थ की भूमिका निभा रहे हैं। उनका रिश्ता आज के दौर की उस उलझन को दर्शाता है, जहाँ भावनाएँ हैं लेकिन कोई परिभाषा नहीं।
सारा ने इस फिल्म में पहले से अधिक संतुलित अभिनय किया है, जबकि आदित्य का अभिनय स्थिरता और भावनात्मक गहराई लाता है। उनकी केमिस्ट्री अप्रत्याशित लेकिन आकर्षक है। यह कहानी सवाल उठाती है कि क्या बिना नाम वाले रिश्ते लंबा चल सकते हैं?
कहानी 3: श्रुति और आकाश – जब छोड़ना मुश्किल हो
अली फज़ल और फातिमा सना शेख ऐसे जोड़े के रूप में सामने आते हैं जो एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से अलग हो चुके हैं, लेकिन फिर भी साथ हैं – आदत और डर के कारण। यह कहानी असहज जरूर है, लेकिन बेहद सच्ची है।
यह दिखाती है कि कैसे कई लोग प्यार खत्म हो जाने के बाद भी साथ रहते हैं, बस इसलिए क्योंकि आगे क्या होगा, यह पता नहीं। कहानी जवाब नहीं देती, लेकिन अहम सवाल ज़रूर पूछती है।
कहानी 4: बुजुर्ग जोड़ी – उम्रदराज़ प्यार की मिठास
जहाँ बाकी कहानियाँ भावनात्मक रूप से गहरी और कभी-कभी भारी लगती हैं, वहीं नीना गुप्ता और अनुपम खेर की जोड़ी ताजगी लेकर आती है। उनका रिश्ता सरल, मधुर और जीवन की छोटी-छोटी खुशियों से भरा है। यह कहानी दिखाती है कि प्यार किसी उम्र का मोहताज नहीं होता।
भावनाओं की धड़कन है इसका संगीत
Metro… In Dino फिल्म का संगीत प्रीतम, पापोन और राघव चैतन्य ने मिलकर तैयार किया है। गाने केवल पृष्ठभूमि में नहीं बजते, बल्कि हर दृश्य को भावनात्मक रूप से उभारते हैं। बारिश की बूँदों की तरह यह संगीत हर फ्रेम में बहता है – शांत, गहरा, और असरदार।
सिनेमैटोग्राफी, निर्देशन और दृश्य सौंदर्य
दृश्यात्मक रूप से यह फिल्म बहुत खूबसूरत है। सादा रंग, प्राकृतिक रोशनी और मुंबई की भीगी गलियाँ फिल्म को एक पुरानी याद की तरह महसूस कराती हैं। हर सीन में कुछ न कुछ छिपा है – एक नजर, एक रुकावट, एक अधखुला दरवाज़ा।
अनुराग बसु हमेशा की तरह इस बार भी अपनी खास शैली में नज़र आते हैं। वह पात्रों को उनकी सच्चाई में दिखाते हैं – उनके भ्रम, कमज़ोरियाँ और छोटे-छोटे पल की सुंदरता के साथ।
अंतिम निष्कर्ष: क्या यह फिल्म आपके लिए है?
अगर आप तेज़ रफ्तार कहानी या मसालेदार ड्रामा चाहते हैं, तो Metro… In Dino शायद आपको धीमी लगे। लेकिन अगर आप ऐसी फिल्में पसंद करते हैं जो दिल को छू जाएं, जीवन के यथार्थ को सामने रखें, और देखने के बाद भी मन में बनी रहें — तो यह फिल्म ज़रूर देखिए।
Metro… In Dino फिल्म दिखाती है कि प्यार हमेशा परफेक्ट नहीं होता — वह बिखरा हुआ, उलझा हुआ और अधूरा भी हो सकता है। लेकिन उसकी सच्चाई ही उसे खूबसूरत बनाती है।
आपको Metro… In Dino थोड़ी देर के लिए रुला सकती है, लेकिन आपको खुद से और अपनों से थोड़ा और करीब भी ले आएगी।
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